आज कल खुशियाँ मेरा पता पूछ रही हैं।

मुझे शक़ है कि कोई तूफ़ान आने वाला है।
कल तो हद ही हो गयी!! दर्द भी नहीं हुआ!!
अब तो यक़ीं हो गया, कि दिल बैठने वाला है।

अरे उसने तो मुझे अमीर समझ लिया यारों,
अब तो पक्का है, कि मेरा मजाक होने वाला है।
मांग कर लाया था चंद खुशियां उधार कि,
इन गफलतों में तो, हर एक गम भी लुटने वाला है।

मै वो नहीं, जो तुम समझ बैठो हो,
मै वो हूँ, जो खुद को ही ना समझ पाया है।
वक़्त के थपेड़ों ने कुछ ऐसी चोट दी,
कि हर एक अच्छी बात में, चोर नजर आया है।

मेरी रूह भी मुझसे मिलने कि नाकाम कोशिश में है,
और इस अफरा तफरी में, मेरा वज़ूद भी खोने वाला है।
आकर कोई तो सम्भाल ले मुझको !!
वर्ना मेरे दिल और दिमाग का हर तार बिखरने वाला है।

4 Comments

  1. Gimme Urz November 26, 2013 at 8:33 pm - Reply

    करीब सौ शब्द लिखे थे। क्लिक करते ही उड़ गए। होना भी था। आप के लिखे पर लिखना न होगा। बहुत बढ़िया।

  2. Rahul Pandey's Blog November 27, 2013 at 4:04 am - Reply

    🙂 बहुत बहुत धन्यवाद। एक छोटा प्रयास जारी है, जज्बातों को लफ़्ज़ों में बयां करने कि; देखते हैं कब तक चलता है!! आप लोगों का प्रोत्साहन चाहिए।

  3. Unknown December 5, 2013 at 11:30 am - Reply

    ઘણું જ સરસ… ખુશીઓને તમારુ સરનામું આપ્યુ છે જલ્દીથી તમારી પાસે આવી જશે.

  4. Rahul Pandey's Blog December 17, 2013 at 1:54 pm - Reply

    खूब खूब आभार 🙂

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