एक नया स्वर गूँज रहा है, इस धरती से अम्बर तक.
मिलकर युद्ध करंगे हम, तन में धड़कन है जब तक.
ये युद्ध नहीं है गैरों से, खुद में परिवर्तन करना है.
दृढ निश्चय करना है हमको, जब तक जीवन जीना है.
आज शपथ लेना है हमको, भ्रष्टाचार मिटायेंगे,
कभी किसी को कुछ ना देंगे, कभी ना खुद भी खायेंगे.
कोई नियम नहीं बदलेगा, जब तक हम ना बदलेंगे,
यथास्थिति बनी रहेगी, जब तक हम ना सुधरेंगे.
आज वचन लेते है हम, खुद में परिवर्तन लायेंगे,
आने वाले भारत को, एक नया समाज दिलाएंगे.
“Be the change you want to see in the world.” Mahatma Gandhi
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Wonderful lines sir..very true !!