Hindi Poems

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Hindi Poems2020-09-21T08:38:52+05:30

साथ तुम्हारा….!

By |May 29th, 2017|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Love, Poem, Romantic|

सम्भव है साथ तुम्हारा हो हाथों में हाथ तुम्हारा हो। हों सपने सुहाने जीवन के, हर साँस में नाम तुम्हारा हो।।तुम साथ चलो तो क़दम बढ़ें, रुक जाओ तो साँसे

One liners..!!

By |December 18th, 2016|Others|

रिश्ते टूटते नही हैं, बस मिलने-मिलाने का लहज़ा बदल जाता है।संबंधों मे अायी दरार चाहे जितना भी भर लो, थोड़ा खुरदुरापन रह ही जाता है।रिश्तों में शक नासूर की तरह

हुंकार भरो – एक आह्वान !

By |December 13th, 2016|Others|

सीमा पर चल रहे (छद्म) युद्ध ने मन में एक कोलाहल सा मचा रखा है। अपने विचार रखने का प्रयास किया है। तुम ध्यान धरो,हुंकार भरो।अब वीर बढ़ो,ना अश्रु भरो।इन

इलाहाबाद में अंग्रेजी नाश्ता

By |August 9th, 2015|Hindi, Hindi Kavita, MyFav, Satire|

हमें अंग्रेजी बोलता देखड्राईवर सीधे अंग्रेजी नाश्ते की दुकान पर ले गयाऔर बोला"साहब चीज-सैंडविच खाओ"हमने कहा "अरे भाई-दिखावे पे मत जाओ, अपनी अकल लगाओ।भाषा छोड़ सब देशी हैअरे ये तो

एक नया प्रयास – शायद शेर हैं ये या तुकबंदी 😉

By |August 1st, 2015|Hindi Kavita, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Motivational, MyFav, Poem, shayari, urdu|

रात को सुबह होने तक मत देख।कुछ सपने देख, सपनों के सपने मत देख।।अच्छा काम करना है तो अभी कर ले।नतीजे को देख, मुहूरत मत देख।।हज़ारों सर झुकेंगे तेरे राह

लेखनी रुकी क्यूँ है?

By |June 26th, 2015|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Others, Poem|

एक अरसेसे कुछ लिखा ही नहीं।ऐसा नहीं कि कुछ मिला ही नहीं!कलम रुक सी जाती है हर बार,तुम्हारी तरह, इसको भी तो गिला नहीं?छंद-वंद, नज़्म-वज़्म, अशरार-वशरार,दुःख-सुख, नोक-झोक, प्यार-व्यार-सब पढ़े, देखे और महसूस किये मैंने।कविता इन्ही से?

मै मिथ्या हूँ, और यही सत्य है

By |January 20th, 2015|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Motivational, MyFav, Poem|

एक अलग प्रयास, सही गलत पता नहीं। और जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, सही गलत से अधिक लिखने में स्वयं को आनंद आना चाहिए 🙂 पढ़िये और अपने

वेदना के स्वर एवं इसकी स्वीकार्यता

By |September 1st, 2014|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Motivational, MyFav, Poem|

वेदना क्या केवल स्वरों सेमुख के हाव भाव व्यर्थतुम्हे मेरे कहने की प्रतीक्षामेरे चक्षुओं का प्रयास व्यर्थतो लो, मै अपनी कहानी सुनाता हूँ,और फिर प्रश्न उठाऊंगा; पूछूँगा तुमसे !!क्या तुम बिना

कृष्ण जन्माष्टमी

By |August 18th, 2014|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, Religion|

हर्ष, उल्लास, फैला चहुँ ओर,देखो-देखो आया माखन चोर।नटखट चाल, दधि, मुख पर सोभित,श्याम रंग, सर पर पंख मोर।प्रेमी, सखा, इष्ट, सारथि, रूप कईजैसे चाहो पूजो तुम, पाप कटेंगे घोर।

सत्य (truth)

By |June 3rd, 2014|Hindi, Hindi Kavita, Hindi Poem, Hindi Poetry, Kavita/ Ghazal/ Kahaniyaan, MyFav, Others, Poem|

सत्य क्या है ?जो आँखों के सामने घटित हुआ?जो इतिहास के पन्नों में वर्णित हुआ?जो विज्ञान के सिद्धांतो ने प्रमाणित किया?शायद हां   !! शायद ना   !!जो घटित हुआ,

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