Asar Lucknavi – kuchh Shair
वह काम कर बुलन्द हो जिससे मजाके-जीस्त,दिन जिन्दगी के गिनते
वह काम कर बुलन्द हो जिससे मजाके-जीस्त,दिन जिन्दगी के गिनते
बचपन की आरंभिक कविताओं की एक याद ह्रदय के किसी
रचयिता: बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्यायवन्दे मातरम्सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम्शस्य श्यामलाम् मातरम्शुभ्र ज्योत्स्ना पुलकित