तेरे उसूल गुनहगार हैं मेरे बिखर जाने के
तेरे उसूल गुनहगार हैं मेरे बिखर जाने के, तेरे एहसासों
तेरे उसूल गुनहगार हैं मेरे बिखर जाने के, तेरे एहसासों
अभी भी वक़्त है संभल जाओ दर्द का एहसास कब
दर्द है, तो है। दुःख क्यूँ? दर्द है, तो है।
इस अदृश्य शत्रु को,चलो धूल चटाते है।दूरी बना कर, पर एक साथ,चलो corona भगाते हैं।ये युद्ध भी विचित्र है,सामने असली चरित्र है।संवेदना का हथियार लाते हैं,चलो corona भगाते हैं।खलनायक को लात मार,और नायक को पहचान कर।चलो जय-जयकार लगाते हैं,चलो corona भगाते हैं।ये दृश्य विहंगम ना सही,सब प्रश्न अनुत्तरित ही सही।एक दूसरे का साथ निभाते हैं,चलो corona भगाते हैं।
मेरी उधार की ज़िन्दगी,कट रही है।बस कट ही रही है!किश्त
भूले नहीं वो दिन, जब हम ख्वाबों में जिया करते थे,जमीं
आज फिर वही मेरी कहानी आ गयीकुछ तेरी और कुछ मेरी जुबानी
सम्भव है साथ तुम्हारा हो हाथों में हाथ तुम्हारा हो।
रात को सुबह होने तक मत देख।कुछ सपने देख, सपनों
एक अरसेसे कुछ लिखा ही नहीं।ऐसा नहीं कि कुछ मिला ही नहीं!कलम