Barish Ki Bunde – Gaon ki Galiyaan
काले मेघों का एक जत्था दूर गगन में छाया,ऐसा सुन्दर
काले मेघों का एक जत्था दूर गगन में छाया,ऐसा सुन्दर
मन में एक हलचल सी थी,धुआं था पर आग ना थी।पूछ
आज मैंने सुबह उठ कर ये समाचार सुना की, दिल्ली
पुरानी यादें भी कभी ताजा कर लो,पूरे किस्से नहीं तो,
बड़े अरसे से आरज़ू थी, कि तेरा दीदार करें,तू वक़्त
रातों के अंधेरों में, इन उजले सबेरों में,घनघोर घटाओं में,
एक नया स्वर गूँज रहा है, इस धरती से अम्बर तक.मिलकर
मै बहुत दिन से ये जानने का प्रयास कर रहा
मैंने बचपन में देखा था, माँ को उपवास करते,कारण था,
कितनी अच्छी नदियाँ हैं, कल कल कर के बहती हैं,चिड़ियों