स्वतंत्रता दिवस और बचपन के दिन !!
हमारे जीवन में चाहे कितना भी दुःख क्यों ना हो, स्वतंत्रता
हमारे जीवन में चाहे कितना भी दुःख क्यों ना हो, स्वतंत्रता
खुशबू की तरह महका हूँ, चिड़ियों की तरह चहका हूँ।
बचपन की आरंभिक कविताओं की एक याद ह्रदय के किसी
बचपन के दिन फिर से आयें....झूला झूलें, गाना गायें....मिटटी में