तुम्हारा अस्तित्व उससे है,
तुम्हारा व्यक्तित्व उससे है।

वो हर किरदार निभाती है,
डाँटती है और संभालती है।

वो रोती है तुम्हारे पीछे,
सामने तुम्हारे आँखे मींचे।

चोट तुम्हारी उसे हमेशा लगती है,
दूर होने पर भी दर्द वो सहती है।

वो है और हमेशा रहेगी,
वो माँ है दुबारा कहाँ मिलेगी?

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