सत्य क्या है ?

जो आँखों के सामने घटित हुआ?
जो इतिहास के पन्नों में वर्णित हुआ?
जो विज्ञान के सिद्धांतो ने प्रमाणित किया?

शायद हां   !! शायद ना   !!

जो घटित हुआ, छलावा हो सकता है !
इतिहास के पन्नों में बदलाव हो सकता है !
विज्ञान के सिद्धांतो पर पुनर्विचार हो सकता है !

तो फिर सत्य क्या है?

ह्रदय का स्पंदन।
चिड़ियों का चहकना।
हवाओं का बहना।
सूरज का उगना।

अर्थ कुछ यूँ निकलता है-

प्रकृति सत्य है,
प्रकृति का सृष्टिकर्ता सत्य।
ईश्वर सत्य है,
ईश्वर का हर विधान सत्य।

शेष व्यक्तिपरक दृष्टिकोण की बातें है।

12 Comments

  1. anuj sharma fateh June 3, 2014 at 1:29 pm - Reply

    bhut sundar…….bahut sarthk

  2. Unknown June 3, 2014 at 4:30 pm - Reply

    सत्यम शिवम सुंदरम….. बहुत बढिया 👌🌸🌺

  3. Rahul Pandey's Blog June 3, 2014 at 5:16 pm - Reply

    बहुत-२ आभार आपका …!

  4. Unknown June 4, 2014 at 8:06 am - Reply

    में आपके विचारो से सहमत हूँ,अत्यंत सुन्दर, ईश्वर अध्र्यश्य होते हुए भी शाश्वत सत्य है।

  5. Rahul Pandey's Blog June 4, 2014 at 8:51 am - Reply

    आपका बहुत-२ धन्यवाद …..!

  6. Rahul Pandey's Blog June 5, 2014 at 6:10 pm - Reply

    धन्यवाद सर, आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं 🙂

  7. Unknown June 8, 2014 at 4:48 pm - Reply

    सत्य की खोज जीवन प्रयत्न

  8. Deaf Mamma June 16, 2014 at 9:04 am - Reply

    Sateek vichar Pandey Ji.

  9. Rahul Pandey's Blog June 16, 2014 at 9:53 am - Reply

    बहुत-२ आभार……!!

  10. Preetrag May 7, 2015 at 3:50 pm - Reply

    बहुत उत्तम विचार, सार्थक भाव।

  11. Rahul Pandey's Blog May 7, 2015 at 4:30 pm - Reply

    धन्यवाद!

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