रात को सुबह होने तक मत देख।
कुछ सपने देख, सपनों के सपने मत देख।।


अच्छा काम करना है तो अभी कर ले।
नतीजे को देख, मुहूरत मत देख।।


हज़ारों सर झुकेंगे तेरे राह में।
जज़्बे को देख, लिबास मत देख।।


हिम्मत कर, आसमा कदम चूमेगा।
मेहनत-कश बन, आसरा मत देख।।


ये लड़ाई केवल उसूलों की है ‘राहुल’।
सामना कर, अब पीछे मत देख।।

6 Comments

  1. Paurush August 1, 2015 at 5:43 pm - Reply

    उम्दा हर कलाम दिल से निकला है । लिखते रहिये ।

  2. Deaf Mamma August 2, 2015 at 3:02 am - Reply

    Shaandaar agaaz hai. Urdu poetry site Rekhta par aa paaye jaayenge bahut jald.

  3. anuj sharma fateh August 2, 2015 at 7:34 am - Reply

    अच्छी ग़ज़लें लिखते हो इसी पर रियाज़ ज्यादा हो और पढ़ने को मिलता रहे तो आत्मा तृप्त रहे। बहुत अच्छी है 🙂 बधाई

  4. Rahul Pandey's Blog August 2, 2015 at 12:40 pm - Reply

    शुक्रिया जनाब ।

  5. Rahul Pandey's Blog August 2, 2015 at 12:41 pm - Reply

    धन्यवाद…अभी इसमें देर है 🙂

  6. Rahul Pandey's Blog August 2, 2015 at 12:42 pm - Reply

    शुक्रिया सर….प्रयास जारी रहेगा।

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