आज चारो तरफ CORONA की ही चर्चा है। सोशल मीडिया के जमाने में हर बात विकराल रूप से फैलती है, चाहे वो सही ज्ञान हो या गलत ज्ञान। अब जब चारो तरफ से ज्ञान की वर्षा हो रही हो तो मष्तिष्क काम नहीं करता है और सही गलत में निर्णय करना बंद कर देता है। तो चलिये सरल भाषा में CORONA के बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि ये क्या है और क्या कर सकता है और हमें क्या करना चाहिये। मैं “वायरस क्या है?” इसके बारे में चर्चा नहीं करूँगा, आप इसके बारे में यहाँ पढ़ सकते हैं। 

Corona Virus (कोरोना विषाणु) विषाणुओं का एक ऐसा समूह है जो स्तनधारियों में बीमारी फ़ैलाने का काम करता है। यह वायरस अधिकतर श्वांस से सम्बंधित बिमारियों को पैदा करता है। यदि आपका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) सही है तो वह वायरस से लड़ाई लड़ता है और ज्यादातर संक्रमित व्यक्ति ठीक भी हो जाते हैं। पर कुछ संक्रमित व्यक्ति इस वायरस से लड़ नहीं पाते और उनकी मृत्यु हो जाती है। इस वायरस को ६० के दशक में पहली बार पाया गया था। तबसे इसके कई भाई-भतीजे विश्व भर में अपने कोहराम मचा चुके हैं, उनमे प्रमुख हैं –  SARS-CoV, HCoV NL63, HKU1, MERS-CoV इत्यादि। पर अभी जो वायरस विश्व भर में तहलका मचा रहा है उसका नाम है Severe Acute Respiratory Syndrome CoronaVirus 2 (SARS-CoV-2। इस वायरस का शुरू में नाम 2019 Novel CoronaVirus (2019-nCoV) रखा गया था। Novel वायरस उसे कहते हैं, जिसके बारे में दुनिया को कुछ पता नहीं होता और उसके बारे में कुछ भी अनुमान लगाना कठिन होता है। 2019-nCoV वायरस Corona परिवार का सबसे नया सदस्य है जिसने तबाही मचा रखी है और यही COVID19 बीमारी का कारण है। यहाँ आपको Corona वायरस और इसके द्वारा होने वाली बीमारी COVID-19 के बीच अंतर पता चल गया होगा। 

इस वायरस की शुरुआत वुहान, जो कि चीन का एक प्रमुख शहर है, से नवम्बर-दिसंबर २०१९ में हुई और आज ये १६६ देशों में करीब २.८५ लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है। इसमें से करीब १२,००० लोगों की मृत्यु हो चुकी है और करीब ९४,००० लोग ठीक हो चुके हैं। चूँकि यह वायरस एकदम नया है, इस पर अलग-२ देशों में कई सारे शोध हो रहे हैं और इस वायरस का व्यवहार कैसा रहेगा? किसी सतह पर कितने समय तक सक्रिय रहेगा? आदि पर बहुत अधिक ज्ञान नहीं है। पर अभी तक के संक्रमण के अध्ययन से ये पता चलता है कि इस वायरस के फैलने के २ ही तरीके हैं: (१) संक्रमित व्यक्ति के १ मीटर की दायरे में आने पर उसके खांसी और छींकने पर कुछ कण आपके ऊपर गिर सकते हैं, और (२) वायरस से दूषित किसी सतह के संपर्क में आने पर। अभी तक यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि यह वायरस मनुष्यों से जानवरों में या जानवरों से मनुष्यों में फ़ैल सकता है। यह वायरस मनुष्यों में कैसे आया, इसपर अभी शोधकर्ताओं में कई मतभेद हैं। एक शोध के द्वारा ये पता चला है कि यह वायरस अलग-२ सतहों पर ४ घंटे से लेकर ७२ घंटों तक सक्रिय रह सकता है (अधिक जानकारी के लिये यहाँ पढ़ें)। 

इस वायरस की एक सबसे खास बात यह है कि आप इससे संक्रमित हो सकते हैं और इसके बाद भी कई दिनों तक COVID-19 के लक्षण नहीं दिखाई दें (इसे इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं) – यह इस वायरस को सबसे खतरनाक बनाता है। क्यूंकि जब तक लक्षण नहीं आते तब तक आप इलाज के लिये जाएंगे नहीं और हो सकता है तब तक कई लोग आप से संक्रमित हो चुके हों (वैसे इस बात पर अभी सहमति नहीं बनी है कि इन्क्यूबेशन पीरियड में संक्रमण कितने हद तक फैल सकता है)। कोई भी वायरस कितनी तेजी से फैलेगा उसे “R0” फैक्टर या “बेसिक रिप्रोडक्शन रेश्यो” से मापा जाता है। “R0” से यह पता चलता है कि किसी भी निर्धारित जनसँख्या में कोई भी संक्रमित व्यक्ति और कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है जहाँ सारे लोग उस वायरस से संक्रमित हो सकते हों। SARS-CoV-2 के लिए “R0” २ से ३ के बीच में माना जाता है जो कि अपने आप में बहुत अधिक है और शायद इसीलिए एक समय के बाद संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में कई गुना की वृद्धि होती है। 

कुछ और बातें समझते हैं। अभी तक की जानकारी के हिसाब से २० साल से कम उम्र के लोग इससे सबसे कम संक्रमित होते हैं और ६० साल से ऊपर के लोग सबसे ज्यादा। केवल करीब १४% मरीज गंभीर रूप से और करीब ५% अति-गंभीर रूप से बीमार होते हैं; इसका अर्थ यह है कि करीब ८०% प्रतिशत लोगों में संक्रमण का असर हल्का रहता है। अति गंभीर बिमारियों में निमोनिया और शरीर के कई अंगो का एक साथ काम करना बंद हो जाना प्रमुख हैं और इसके कारण कई बार मरीज की मृत्यु भी हो जाती है। अलग-२ शोधों के अनुसार करीब COVID-19 की मृत्यु दर २% से ४% के बीच में मानी गयी है। लेकिन अधिक उम्र के व्यक्तियों में ये करीब १५% तक भी पायी गयी है। COVID-19 के प्रमुख लक्षणों में है – खांसी, बुखार, साँस फूलना हैं। कुछ मरीजों में शरीर दर्द, कफ और गले में खराश भी पाए जाते हैं। जैसा कि मैंने ऊपर भी कहा है, यह वायरस नया है और इसके नए-२ लक्षण भी नज़र आ रहे हैं – कुछ नए लक्षणों में है – उलटी-दस्त और सूंघने की क्षमता ख़त्म होना। 

तो बचना कैसे है? जैसा हमने ऊपर चर्चा की कि “R0” फैक्टर अधिक होने के कारण यदि संक्रमण को रोका नहीं गया तो लाखों लोग संक्रमित होंगे और इनमे से जबकि केवल ४-५% लोगों को सघन चिकित्सा की आवश्यकता होगी, किसी भी देश में जनसँख्या के अनुसार इतनी संख्या में मरीजों के लिए सघन चिकित्सा की व्यवस्था नहीं होती (इसके बारे में कभी और लिखूंगा)। इसलिए हमें जन-स्वास्थ्य की सिद्धांतों पर भी काम करने की आवश्यकता होगी। हमने पढ़ा कि वायरस कैसे फैलता है, अब देखें कि उससे कैसे बच सकते हैं:

(१) संक्रमित व्यक्ति के १ मीटर की दायरे में आने पर उसके खांसी और छींकने पर कुछ कण आपके ऊपर गिर सकते हैं: ऐसी दशा में यह आवश्यक है कि संक्रमित लोगों की पहचान करने और उनकी जाँच करने के सही प्रोटोकॉल और व्यवस्था हो। जो लोग संक्रमित हैं उन्हें आइसोलेशन में (आम जनता से अलग) रखा जाय जब तक उनका संक्रमण समाप्त न हो जाये। यह भी आवश्यक है कि ऐसे लोग और इनकी सेवा करने वाले लोग मास्क पहने और संक्रमण आगे फैलने से रोकें। अब जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि बहुत सारे लोग बिना किसी लक्षण के भी कई दिनों तक संक्रमित रह सकते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि जिन लोगों में इस वायरस से संक्रमित होने की सम्भावना ज्यादा है (जैसे संक्रमित देशों से आने वाले लोग) वो स्वयं को सबसे अलग रखें और “सोशल डिस्टन्सिंग” का पालन करें। 

(२) वायरस से दूषित किसी सतह के संपर्क में आने पर: यह पाया गया है कि साबुन और अल्कोहल आधारित sanitizer से यह वायरस निष्क्रिय हो जाता है। इसलिये यह आवश्यक है कि यदि आपने किसी ऐसी सतह को छुआ है तो तुरंत अपना हाथ साबुन से धोयें या sanitizer से साफ़ करें – इसे हाथ की स्वच्छता या hand hygiene कहते हैं। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि हम एक दिन में करीब २,०००-३,००० बार अपने चेहरे के अलग-२ हिस्सों को छूते हैं। चूँकि हमें यह नहीं पता कि जिस सतह को हमने छुआ वो संक्रमित था या नहीं, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दिन में करीब १०-१२ बार साबुन या sanitizer से अपने हाथ धोयें। 

अब जबकि COVID-19 ने महामारी का रूप ले लिया है तो केवल जन-स्वास्थ्य के प्रयासों से इसका हल नहीं निकलने वाला है। पर सघन-चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हमें दोनों तरह के प्रयास करते रहना है। ऊपर लिखे तरीकों से हम इस संक्रमण की लगातार बढ़ती श्रृंखला को तोड़ सकते हैं, जब तक शृंखला नहीं टूटेगी, तब तक शायद इसकी संख्या में लगातार वृद्धि होती रहे। 

आइये ये प्रण करें कि हम हाथ की स्वच्छता बनाये रखेंगे। हम अगर संक्रमित देशों से आये हैं तो स्वयं को सबसे अलग रखेंगे। अगर हममे बीमारी के लक्षण हैं तो मास्क लगाएंगे और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करेंगे। 

यदि हम चाहेंगे तो COVID-19 को हरा सकते हैं। 

(इस पोस्ट  में दी गयी सभी जानकारी और तथ्य सार्वजानिक रूप से उपलब्ध स्रोतों से और मेरे स्वयं के अनुभव पर आधारित है। यह पोस्ट किसी शोध के लिए नहीं, केवल सामन्य लोगों की जानकारी बढ़ाने के लिए लिखा गया है। अगर आपमें संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें)

7 Comments

  1. darshak March 22, 2020 at 7:15 am - Reply

    गागर में सागर, सारगर्भित जानकारी । बहुत खूब।

  2. Rahul Pandey's Blog March 22, 2020 at 7:16 am - Reply

    Thank you

  3. Unknown March 25, 2020 at 12:52 pm - Reply

    Nicely done Rahul….very informative

  4. rakesh March 25, 2020 at 6:39 pm - Reply

    Very well explained. Very helpful information 👍

  5. Bhupendra April 16, 2020 at 4:32 pm - Reply

    Good basic info

  6. Unknown April 22, 2020 at 5:21 am - Reply

    अति उत्तम बंधु
    आभार आपका ।

  7. Unknown April 22, 2020 at 7:26 am - Reply

    अति उत्तम…. बंधु
    आभार आपका ।

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