तेरे उसूल गुनहगार हैं मेरे बिखर जाने के,
तेरे एहसासों के कदरदान हम पहले भी थे।
साँस आती थी तेरे पास आने के बाद,
ज़िंदगी पे तुम मेहरबान पहले भी थे।
ग़म का साया दूर रहा तेरे होने से,
निचले पायदान पर हम पहले भी थे।
दूर से ही सही, पर साथ निभाते रहना,
मेरे बाग़ के बाग़बान तुम पहले भी थे।