कैंपस की यादें – एक पुरानी कविता (२००७)
भूले नहीं वो दिन, जब हम ख्वाबों में जिया करते थे,जमीं
भूले नहीं वो दिन, जब हम ख्वाबों में जिया करते थे,जमीं
आज फिर वही मेरी कहानी आ गयीकुछ तेरी और कुछ मेरी जुबानी
अपने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र की कहानी थोड़ी मजेदार है।