वेदना के स्वर एवं इसकी स्वीकार्यता
वेदना क्या केवल स्वरों सेमुख के हाव भाव व्यर्थतुम्हे मेरे
वेदना क्या केवल स्वरों सेमुख के हाव भाव व्यर्थतुम्हे मेरे
हर्ष, उल्लास, फैला चहुँ ओर,देखो-देखो आया माखन चोर।नटखट चाल, दधि, मुख पर
हमारे जीवन में चाहे कितना भी दुःख क्यों ना हो, स्वतंत्रता
कई बार सोचा की इस अनुभव को आप लोगों के
सत्य क्या है ?जो आँखों के सामने घटित हुआ?जो इतिहास
काफी दिनों से व्यस्तता और समयाभाव के कारण लिखना संभव