भारतवर्ष के ६३वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में, मैं अपने कुछ विचार प्रस्तुत करता हूँ. मुझे आशा है कि, आप सब लोग इस देश को उन्नति और समभाव के शिखर पर ले जाने के लिए प्रयासरत रहेंगे. जय हिंद! 


आज फिर से १५ अगस्त का दिन आया,

कुछ ने भाषण दिए, कुछ ने झंडा फहराया,
हम जैसे लोगो ने भी कुछ ज्ञान गंगा बहाया,
और नए बदलावों पर कुछ ‘दर्शन’ दिखाया.


हर वर्ष हम ऐसा ही कुछ करते हैं,
फिर पूरे साल चुप रह कर तमाशा देखते हैं,
कभी सरकार को तो कभी व्यवस्था को बुरा भला कहते हैं,
पर इनको बदलने का कभी प्रयास नहीं करतें हैं.


हमें इन सारी कवायदों से बाहर निकलना है.
हमारी सोयी हुई उर्जा का संचार करना है…
हम ही नेता है हमारे भविष्य के,
आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुनहरा कल रचना है…


आज अवसर है एक नया प्रण लेने के लिए…
विचार करने के लिए, बदलाव लाने के लिए…
हम फिर से इंतज़ार ना करें, एक नए १५ अगस्त का..
नव सृजन करने के लिए, नया इतिहास रचने के लिए 

2 Comments

  1. Anonymous August 14, 2010 at 9:35 am - Reply

    Very Nice & very true

  2. Jaspreet August 14, 2010 at 7:46 pm - Reply

    Very nice sir 🙂

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