सत्य क्या है ?
जो आँखों के सामने घटित हुआ?
जो इतिहास के पन्नों में वर्णित हुआ?
जो विज्ञान के सिद्धांतो ने प्रमाणित किया?
शायद हां !! शायद ना !!
जो घटित हुआ, छलावा हो सकता है !
इतिहास के पन्नों में बदलाव हो सकता है !
विज्ञान के सिद्धांतो पर पुनर्विचार हो सकता है !
तो फिर सत्य क्या है?
ह्रदय का स्पंदन।
चिड़ियों का चहकना।
हवाओं का बहना।
सूरज का उगना।
अर्थ कुछ यूँ निकलता है-
प्रकृति सत्य है,
प्रकृति का सृष्टिकर्ता सत्य।
ईश्वर सत्य है,
ईश्वर का हर विधान सत्य।
शेष व्यक्तिपरक दृष्टिकोण की बातें है।
bhut sundar…….bahut sarthk
सत्यम शिवम सुंदरम….. बहुत बढिया 👌🌸🌺
बहुत-२ आभार आपका …!
में आपके विचारो से सहमत हूँ,अत्यंत सुन्दर, ईश्वर अध्र्यश्य होते हुए भी शाश्वत सत्य है।
आपका बहुत-२ धन्यवाद …..!
धन्यवाद सर, आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं 🙂
सत्य की खोज जीवन प्रयत्न
Sateek vichar Pandey Ji.
बहुत-२ आभार……!!
http://www.parikalpnaa.com/2014/07/blog-post_525.html
बहुत उत्तम विचार, सार्थक भाव।
धन्यवाद!