रक्त में उबाल है, ‬
और हृदय में उद्वेग।
मज्जा है कशेरुकाओं में,‬
और शिराओं में वेग।
ये प्रमाण हैं-‬
हमारे सजीव होने का।
पर क्या हम अभिज्ञ हैं?‬
या मात्र सजीव?‬
इन दोनो प्रश्नों में निहित है-‬
अस्तित्व या अस्तित्वविहीन होने की परिभाषा।

Leave A Comment