बचपन के दिन फिर से आयें….
झूला झूलें, गाना गायें….
मिटटी में फिर खेलें कूदें….
जब जी चाहे नदी नहायें….

चिंता ना हो सर पर अपने….
देखें जी भर के हम सपने….
उन सपनों में फिर खो जाएँ……………………बचपन के दिन…..!

One Comment

  1. BD July 10, 2010 at 7:53 am - Reply

    Bachpan sabse pyaara hota hai….. bahut khoob….

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